Thursday, 23 November 2023

दलिया मूंगदाल खिचड़ी - Daliya khichdi recipe - Dalia pulao with Moong Dal - Broken Wheat Khichdi

 

दलिया और मूंगदाल से बनी खिचड़ी काफी पौष्टिक एवं स्वादिष्ट होती है. मरीजों का आहार समझी जानी वाली इस खिचड़ी को विभिन्न तरीके से बनाकर आप छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक परोस सकते हैं.  आइए देखते हैं तीन प्रकार से तैयार करके सर्व होने वाली दलिया और मूंगदाल की खिचड़ी की रेसिपी.

आवश्यक सामग्री - Ingredients for Dalia pulao with Moong Dal

  • दलिया- 1/3 कप (50 ग्राम)
  • मूंगदाल- 1/3 कप (50 ग्राम) (धुली हुई)
  • घी- 1 टेबल स्पून
  • जीरा- ½ छोटी चम्मच
  • हींग- 1 पिंच
  • हल्दी पाउडर- ¼ छोटी चम्मच
  • नमक- 1 छोटी चम्मच या स्वादानुसार

विधि - How to make Daliya khichdi recipe

दलिया और मूंग की दाल की खिचड़ी बनाने के लिए सबसे पहले दलिया को कुकर में डालकर भून लीजिए. इसके लिए, गैस जलाकर कुकर गरम कीजिए और इसमें 1 छोटी चम्मच घी डाल दीजिए. घी के पिघलने पर कुकर में दलिया डाल दीजिए. दलिया को लगातार चलाते हुए रंग बदलने तक और अच्छी सी महक आने तक भून लीजिए.

दलिया के भुन जाते ही, कुकर में धुली हुई मूंग की दाल डाल दीजिए. इन दोनों को अच्छे से मिक्स कर लीजिए. इसके बाद, कुकर में 2.5 कप पानी डाल दीजिए. फिर, इसमें ½ छोटी चम्मच से थोड़ा सा ज्यादा नमक और हल्दी पाउडर डालकर मिला दीजिए. कुकर का ढक्कन बंद कर दीजिए और खिचड़ी को एक सीटी आने तक पकने दीजिए.

जैसे ही कुकर में सीटी आ जाए, वैसे ही गैस एकदम धीमी कर दीजिए और धीमी आंच पर खिचड़ी को 3 से 4 मिनिट तक पकने दीजिए. 4 मिनिट बाद, गैस बंद कर दीजिए और कुकर का सारा प्रैशर खत्म होने तक खिचड़ी को कुकर में ही रहने दीजिए.

कुकर का प्रैशर समाप्त होने के बाद, कुकर का ढक्कन खोलिए. खिचड़ी बनकर तैयार है, पर हल्की सी गाढ़ी है. इसमें ½ कप पानी डाल दीजिए और खिचड़ी को उबाल आने तक पका लीजिए. इसके बाद, गैस बंद कर दीजिए. यह खिचड़ी छोटे बच्चे के लिए तैयार हो गई है.


शिशुओं के लिए खिचड़ी
तैयार खिचड़ी को छोटे से प्याले में निकाल लीजिए. 6 माह से ऊपर के बच्चों को सोलिड खाना देना शुरू कर दिया जाता है. इन शिशुओं के लिए यह बहुत ही अच्छा आहार है क्योंकि इसमें सिर्फ नमक और हल्दी का प्रयोग हुआ है. शिशुओं के लिए और किसी मसाले का उपयोग करने की आवश्यकता नही है, बस थोड़ा सा घी डालकर खिचड़ी में मिक्स कर दीजिए.

बुजुर्गों और मरीजों के लिए खिचड़ी
बची हुई खिचड़ी को एक प्याले में निकाल लीजिए और इसमें तड़का लगा लीजिए. तड़के के लिए पैन गरम कर लीजिए. पैन में 1 से 2 छोटी चम्मच घी डाल दीजिए. घी में जीरा डाल दीजिए और गैस धीमी कर दीजिए. जीरा के चटखने के बाद, इसमें हींग डालकर हल्का सा भुनने दीजिए. तड़का तैयार है.
इस तड़के को खिचड़ी के ऊपर डाल दीजिए और मिक्स कर दीजिए. यह खिचड़ी बुजुर्गों और मरीजों के लिए तैयार है.

बच्चों और व्यस्कों के लिए खिचड़ी
बच्चों और व्यस्कों के लिए खिचड़ी थोड़ी सी स्वादिष्ट और मसालेदार बनाई जा सकती है. इसके लिए, सब्जियों को क्रन्ची भूनकर खिचड़ी में मिक्स कर सकते है.

इसके लिए, गैस पर एक पैन गरम कीजिए और इसमें 1 से 2 छोटी चम्मच घी डाल दीजिए. खिचड़ी में हींग तथा जीरा तो पहले से पड़ा हुआ है. अब, पैन में 1 बारीक कटी हुई हरी मिर्च और कद्दूकस किया हुआ अदरक (1 इंच से कम टुकड़ा) डालकर जरा सा भून लीजिए. फिर, पैन में 1/2 कप हरे मटर के दाने और ¼ कप बारीक कटी शिमला मिर्च डालकर थोड़ी देर भून लीजिए और 1 मिनिट तक ढककर पका लीजिए ताकि मटर के दाने हल्के से नरम हो जाएं.

1 मिनिट बाद, सब्जियां चैक कीजिए. इन्हें एकदम नरम नही कीजिए, हल्का सा क्रन्ची रखिए. इसके बाद, पैन में 1 बारीक कटा टमाटर और ¼ छोटी चम्मच नमक डालकर मिक्स कर दीजिए. फिर, सब्जियों में खिचड़ी और थोड़ा सा बारीक कटा हरा धनिया डालकर सभी सामग्रियों को अच्छे से मिला दीजिए. सब्जियों वाली खिचड़ी बनकर तैयार है. इसे एक प्याले में निकाल लीजिए और खिचड़ी में थोड़ा सा घी डालकर गार्निश कर लीजिए.

दलिया और मूंग की दाल की खिचड़ी बनकर तैयार है. इस स्वादिष्ट और पौष्टिक खिचड़ी को घर के सभी सदस्य खा सकते हैं. खिचड़ी को अलग-अलग वर्गों के लिए तैयार किया गया है. बिना मसाले वाली शिशुओं के लिए, हल्के से तड़के के साथ बुजुर्गों और मरीजों के लिए और सब्जियों के साथ मसालेदार खिचड़ी घर के बाकी सदस्यों जैसे कि युवा वर्ग और व्यस्कों के लिए.

स्वाद और पौष्टिकता से भरपूर दलिया मूंगदाल खिचड़ी को आप दही, पापड़, चटनी और अचार के साथ परोसिए और चाव से खाइए.

सुझाव

  • मूंग की दाल को पानी से अच्छे से धोकर लें.
  • खिचड़ी बनाने के लिए घी की जगह बटर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
  • घी खिचड़ी के स्वाद को तो बढ़ाता ही है, साथ ही साथ यह बच्चों के लिए पौष्टिक भी होता है.
  • आप अपने स्वादानुसार घी की मात्रा कम या ज़्यादा रख सकते हैं.
  • अगर बच्चे बिल्कुल भी तीखा पसंद न करते हो, तो हरी मिर्च और अदरक का इस्तेमाल ना करें.

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